इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक आपराधिक अपील को स्वीकार करते हुए, एससी/एसटी एक्ट के एक मामले में आरोपी को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने विशेष न्यायाधीश के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। हाईकोर्ट ने पाया कि पीड़िता के बयान सहित रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री से यह “सहमति से बना संबंध” प्रतीत होता है और निचली अदालत ने “सामग्री का सही आकलन नहीं किया।”
मामले की पृष्ठभूमि:
यह फैसला 29 अक्टूबर, 2025 को आपराधिक अपील संख्या 2910/2025 में सुनाया गया। अपीलकर्ता ने लखनऊ के विशेष न्यायाधीश (SC/ST एक्ट) द्वारा पारित 05.07.2025 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उनकी जमानत याचिका संख्या 4916/2025 को खारिज कर दिया गया था।
यह मामला केस क्राइम नंबर 213/2025, थाना गुडंबा, लखनऊ से संबंधित है। आरोपी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं, अन

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