इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को एससी/एसटी एक्ट के एक मामले में समन (summoning) आदेश को चुनौती देने वाली एक आपराधिक अपील को खारिज कर दिया। इसे “कानून की प्रक्रिया का गंभीर दुरुपयोग” (serious abuse of the process of law) मानते हुए, कोर्ट ने शिकायतकर्ता और उसकी दो बहुओं को राज्य सरकार से प्राप्त ₹4,50,000/- की मुआवजा राशि वापस करने का निर्देश दिया। यह आदेश तब आया जब शिकायतकर्ता ने खुद प्रारंभिक FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया था।

न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने रामेश्वर सिंह और 18 अन्य द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए, अपीलकर्ताओं पर ₹5,00,000/- का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने इसे “इस तरह के जोड़-तोड़ वाले आचरण की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए” (To deter recurrence of such manipulative conduct) आवश्यक बताया।

मामले की पृष्ठभूमि

यह आपराधिक अपील (संख्या 9649/2024) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजा

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