दिल्ली हाईकोर्ट ने 7 नवंबर, 2025 को एक बलात्कार मामले में कथित तौर पर एक महिला वकील (अभियोक्त्री) से संपर्क करने और उसे प्रभावित करने की कोशिश करने में उनकी भूमिका के लिए दो न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ प्रशासनिक जांच शुरू करने और उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
जस्टिस अमित महाजन ने यह देखते हुए कि अदालत “इस तरह के मामले में न्यायिक अधिकारियों की संलिप्तता को देखकर स्तब्ध” है, यह जांच का आदेश दिया। इसके साथ ही अदालत ने आरोपी वकील को दी गई अग्रिम जमानत भी रद्द कर दी। कोर्ट ने पाया कि परिस्थितियां “इतनी जबरदस्त थीं कि उन्होंने इस अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया” और यह “न्याय के प्रशासन में स्पष्ट हस्तक्षेप” को दर्शाती हैं।
यह आदेश (BAIL APPLN. 2818/2025) अभियोक्त्री द्वारा दायर एक आवेदन पर पारित किया गया, जिसमें एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) द्वारा 16.07.2025 को 51 वर्षीय आरोपी

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