केंद्रीय उत्पाद शुल्क कानून पर एक महत्वपूर्ण फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि क्रेता की साइट पर सीधे वितरित किए गए शुल्क-भुगतान “बाहर से खरीदे गए सामान” (bought out items) के मूल्य को, कारखाने से ‘कम्प्लीटली नॉक्ड डाउन’ (CKD) स्थिति में भेजे गए बॉयलर के निर्धारणीय मूल्य में शामिल करने के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता।

जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने लिपि बॉयलर्स लिमिटेड बनाम केंद्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्त, औरंगाबाद मामले में अपीलों को स्वीकार करते हुए यह व्यवस्था दी। कोर्ट ने माना कि साइट पर निर्माण और स्थापना के बाद अंतिम ‘स्टीम जनरेटिंग प्लांट’ एक “अचल संपत्ति” (immovable property) बन जाता है और इस प्रकार यह “उत्पादन योग्य माल” (excisable goods) की श्रेणी में नहीं आता।

अदालत ने राजस्व विभाग द्वारा जारी किए गए कारण बताओ नोटिस को भी अमान्य कर दिया, यह म

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