सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर हरियाणा के महार्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू), रोहतक में महिला सफाईकर्मियों से कथित रूप से उनके मासिक धर्म (पीरियड्स) का सबूत देने के लिए निजी अंगों की तस्वीरें मांगने के मामले की जांच की मांग की है।
एससीबीए ने केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार को इस घटना की विस्तृत जांच कराने का निर्देश देने की मांग की है। साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश बनाने की अपील की है कि माहवारी के दौरान महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य, गरिमा, निजता और शारीरिक स्वायत्तता के अधिकारों का उल्लंघन न हो।
याचिका में कहा गया है कि यह घटना महिलाओं की गरिमा के साथ-साथ संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 में निहित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और कार्यस्थल पर सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करने में तंत्र की असफलता को दर्शाती है।
घटना 26 अक्टूबर को

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