भारत के सुप्रीम कोर्ट ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (NDPS एक्ट) के तहत दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति की सजा को संशोधित किया है। कोर्ट ने उसकी दस साल की कठोर कारावास की सजा को घटाकर पहले ही काटी जा चुकी अवधि (लगभग सात वर्ष) कर दिया है। हालांकि अदालत ने दोषसिद्धि को बरकरार रखा, लेकिन उसने जब्त किए गए प्रतिबंधित पदार्थ के सटीक वजन, जो वाणिज्यिक मात्रा से केवल 80 ग्राम अधिक था, के संबंध में अपीलकर्ता को “संदेह का लाभ” दिया।

यह आदेश न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने अपीलकर्ता धरम सिंह द्वारा हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ दायर अपील (SLP(Crl.) No. 13782 of 2025 से उत्पन्न) में पारित किया।

इस अपील में हाईकोर्ट के दिनांक 16.08.2023 के फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसने ट्रायल कोर्ट के दिनांक 08.11.2019 के फैसले को बर

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