जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट ने मंगलवार को पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ़्ती की उस जनहित याचिका (PIL) पर तर्क सुने, जिसमें जम्मू-कश्मीर के उन अंडरट्रायल कैदियों की वापसी की मांग की गई है जिन्हें केंद्रशासित प्रदेश से बाहर की जेलों में रखा गया है।

यह मामला मुख्य न्यायाधीश अरुण पाली और न्यायमूर्ति राजनेश ओसवाल की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध हुआ।

कोर्ट ने इस पर विस्तार से चर्चा की कि क्या J-K के अंडरट्रायल कैदियों को दूर-दराज की जेलों में रखने से उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन होता है, खासकर कानूनी सहायता तक पहुंच और परिवार से संपर्क के अधिकार का।

मेहबूबा के वकील अधिवक्ता आदित्य गुप्ता ने बताया कि पिछली सुनवाई (3 नवंबर) में अदालत द्वारा उठाए गए कई सवालों को संबोधित किया गया है।

उन्होंने कहा, “पिछली सुनवाई में जो सवाल उठाए गए थे, उन्हें और उनसे जुड़े काउंटर-क्वेशंस को आज

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