सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (अब सम्मान कैपिटल लिमिटेड) से जुड़े कथित संदिग्ध लेनदेन की जांच में CBI , SEBI और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (MCA) की सुस्ती पर कड़ी नाराज़गी जताई। कोर्ट ने CBI निदेशक को SEBI , SFIO और ED के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक बुलाने का आदेश दिया है, ताकि एनजीओ ‘सिटिज़न्स व्हिसिल ब्लोअर फ़ोरम’ द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की जा सके।
यह आदेश जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भूयान और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की पीठ ने दिया। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण पेश हुए।
पीठ ने कहा कि CBI ने इस मामले में जिस तरह का “ठंडा” और “दोस्ताना” रवैया अपनाया है, वह हैरान करने वाला है।
जस्टिस सूर्यकांत ने सुनवाई के दौरान कहा:
“हम हैरान हैं कि CBI ने इतना हल्का और दोस्ताना रवैया अपनाया है। हमने कभी ऐसा नहीं देखा।

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