उत्तराखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को देहरादून में सहस्त्रधारा रोड चौड़ीकरण परियोजना के तहत प्रतिरोपित किए गए पेड़ों की जीवित रहने की दर और उनकी वर्तमान स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक महरा की पीठ देहरादून की पर्यावरण कार्यकर्ता रीनू पॉल द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में देहरादून के भानियावाला से ऋषिकेश तक प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए शिवालिक एलीफेंट रिजर्व में 4,369 से अधिक पेड़ों की कटाई को चुनौती दी गई है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता अभिजय नेगी ने अदालत को बताया कि सहस्त्रधारा रोड पर पहले किए गए पेड़ प्रतिरोपण की सफलता दर बेहद खराब रही है। उन्होंने अदालत के समक्ष प्रतिरोपित पेड़ों की खराब स्थिति दर्शाने वाली तस्वीरें भी पेश कीं और कहा कि इनसे सरकारी दावों की वा

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