सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि कोई नियोक्ता अपने कर्मचारी की पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों को केवल इस आधार पर नहीं रोक सकता कि कर्मचारी ने सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी आवास खाली नहीं किया है। न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने मध्य प्रदेश सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दायर एक अपील को खारिज कर दिया। इस फैसले के साथ, सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें विभाग को रोके गए सेवानिवृत्ति लाभों को जारी करने और देरी के लिए ब्याज का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला संतोष कुमार श्रीवास्तव से संबंधित है, जो 1980 में मध्य प्रदेश राज्य की सेवा में भर्ती हुए थे और 30 जून, 2013 को सेवानिवृत्त हुए। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद, विभाग ने न तो उनकी पेंशन स्वीकृत क

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