केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) की महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन (Permanent Commission) देने में पुरुष अधिकारियों की तुलना में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा रहा है। सरकार ने स्पष्ट किया कि नीति के सभी मानदंड समान रूप से लागू किए जाते हैं।
यह मामला जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ के समक्ष आया, जहाँ महिला अधिकारियों ने दावा किया कि गालवान, बालाकोट और हालिया ऑपरेशन सिंदूर जैसी महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाइयों में योगदान देने के बावजूद उन्हें स्थायी कमीशन से वंचित रखा गया।
केंद्र और सेना की ओर से पेश हुई अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, लैंगिक तटस्थ और योग्यता आधारित है। उन्होंने बताया कि वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) में अधिकारी का नाम सामने नहीं आता, जिस