छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 7 अक्टूबर, 2025 को एक महत्वपूर्ण फैसले में, अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे भीमेश्वर @ रवि को बरी कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायाधीश बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने यह निर्णय सुनाया कि निचली अदालत द्वारा दी गई दोषसिद्धि केवल मृतक के मृत्युकालिक कथन पर आधारित थी, जिसे एक “घातक” प्रक्रियात्मक चूक के कारण बरकरार नहीं रखा जा सकता। यह चूक बयान दर्ज करते समय पीड़िता की “मानसिक रूप से स्वस्थ अवस्था” की पुष्टि करने वाले डॉक्टर के स्पष्ट प्रमाण पत्र का न होना थी।
न्यायालय ने माना कि इस चूक ने एक महत्वपूर्ण संदेह पैदा किया, जिससे दोषसिद्धि को बनाए रखना असुरक्षित हो गया। अपने फैसले में, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को भविष्य में ऐसी जांच संबंधी विफलताओं को रोकने के लिए कड़े निर्देश भी जारी किए।
मामले की पृष्ठभूमि
अभियोजन पक्ष का मामला 2