दिल्ली हाईकोर्ट ने 8 अक्टूबर, 2025 को दिए एक फैसले में, नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स (एनआई) एक्ट की धारा 138 के तहत दायर दो आपराधिक शिकायतों को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने यह माना कि शिकायतकर्ता कंपनी को रजिस्टर ऑफ कंपनीज (ROC) से “स्ट्रक-ऑफ” (हटा दिया गया) कर दिया गया था और शिकायतें दर्ज करने से पहले ही वह भंग हो चुकी थी, इसलिए ये मामले सुनवाई योग्य नहीं थे।

न्यायमूर्ति अरुण मोंगा ने (CRL.M.C. 7534/2023 और CRL.M.C. 7559/2023) मामलों में आरोपी कंपनी के निदेशकों, श्री कृष्ण लाल गुलाटी और एक अन्य द्वारा दायर याचिकाओं को स्वीकार कर लिया। हाईकोर्ट ने निचली अदालत (मजिस्ट्रेट कोर्ट) के 2022 के उस आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसने याचिकाकर्ताओं के आवेदन को खारिज कर दिया था और चेक बाउंस मामलों को आगे बढ़ाने की अनुमति दी थी।

मामले की पृष्ठभूमि

यह पूरा विवाद “राघव आदित्य चिट्स प्राइवेट लिमिटेड” नामक क

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