इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) को सहायक अभियोजन अधिकारी (APO) के पद के लिए एक दृष्टिबाधित उम्मीदवार का आवेदन मैनुअल रूप से स्वीकार करने और उसे चयन प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति देने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश एक रिट याचिका पर दिया, जिसमें “अंधे” (blind) व्यक्तियों को भर्ती से बाहर रखने को चुनौती दी गई थी। इस भर्ती में उक्त पद को केवल “कम दृष्टि” (low vision) वाले उम्मीदवारों के लिए पहचाना गया था। अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता ने “प्रथम दृष्टया मामला” (prima facie case) स्थापित किया है और “सुविधा का संतुलन” (balance of convenience) उसके पक्ष में है। हालांकि, याचिकाकर्ता की भागीदारी रिट याचिका के अंतिम परिणाम के अधीन होगी।
मामले की पृष्ठभूमि
याचिकाकर्त

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