सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने 6 नवंबर, 2025 को दिए एक फैसले में, एक अयोग्य पार्षद पूनम द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition) को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने निचली अदालतों के उन फैसलों को बरकरार रखा, जिन्होंने उनके चुनाव को अमान्य घोषित कर दिया था।

जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा और जस्टिस अतुल एस. चंदुरकर की बेंच ने पुष्टि की कि याचिकाकर्ता द्वारा नेगोशिएबल इंस्ट्रूएंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत अपनी पिछली दोषसिद्धि का खुलासा अपने नामांकन हलफनामे में न करना, चुनावी नियमों का एक घातक गैर-अनुपालन था।

मामले की पृष्ठभूमि

याचिकाकर्ता पूनम को 4 अक्टूबर, 2022 को अधिसूचित एक चुनाव में नगर परिषद, भीकनगांव के वार्ड नंबर 5 से पार्षद चुना गया था। पहले प्रतिवादी, दुले सिंह ने मध्य प्रदेश नगरपालिका एक्ट, 1961 (जिसे “1961 का एक्ट” कहा गया है) की धारा 20 के तहत एक चुनाव याचिका दायर की, जिसम

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