मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपने तबादले के बाद विदाई ले रहे जस्टिस अतुल श्रीधरन ने गुरुवार को एक उर्दू नज़्म का ज़िक्र करते हुए कहा, “जो आज साहिब-ए-मस्नद हैं, कल नहीं होंगे।” उनके विदाई भाषण और उसके बाद बार एसोसिएशन की प्रतिक्रियाओं ने उनके बार-बार हो रहे तबादलों और इस पूरी प्रक्रिया में कथित ‘कार्यकारी हस्तक्षेप’ (executive interference) को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं।

जस्टिस श्रीधरन का 18 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में तबादला कर दिया गया। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा केंद्र सरकार के उस अनुरोध को स्वीकार करने के कुछ ही दिनों बाद आया, जिसमें उन्हें पहले अनुशंसित (recommended) किए गए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में न भेजने का आग्रह किया गया था।

यह हाल के महीनों में उनका तीसरा तबादला है। उन्हें सबसे पहले अप्रैल 2023 में मध्य प्रदेश से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईको

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