सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण देने संबंधी संवैधानिक संशोधन के लागू होने में देरी को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने कांग्रेस नेता जया ठाकुर की जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया। ठाकुर ने दलील दी कि महिलाओं को आरक्षण देने के लिए परिसीमन (delimitation) प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार करना आवश्यक नहीं है और इसे तुरंत लागू किया जा सकता है।
पीठ ने स्पष्ट किया कि न्यायपालिका किसी कानून को लागू करने का निर्देश नहीं दे सकती, क्योंकि यह संसद और कार्यपालिका का कार्यक्षेत्र है। अदालत ने कहा, “कानून का प्रवर्तन संसद और कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है। हम उस पर आदेश नहीं दे सकते, लेकिन हम यह अवश्य पूछ सकते हैं कि सरकार परिसीमन कब करने का प्रस्ताव रखती है।”
सुनवाई के

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