सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने तेलंगाना हाईकोर्ट के एक आदेश को रद्द कर दिया है। शीर्ष अदालत ने माना कि हाईकोर्ट ने एक घोषणा और निषेधाज्ञा वाद में ट्रायल (विचारण) समाप्त होने के बाद प्रतिवादी द्वारा दायर साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 45 और 73 के तहत एक आवेदन को स्वीकार करके त्रुटि की है।
यह मामला, हुसैन बिन अवाज़ बनाम मित्ताप्ली वेंकटरामुलु व अन्य (सिविल अपील संख्या 13354/2025), मूल वादी (अपीलकर्ता) द्वारा हाईकोर्ट के 5 अगस्त, 2024 के अंतिम फैसले को चुनौती देने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला एक घोषणा और निषेधाज्ञा के मुकदमे से उत्पन्न हुआ है। इस मुकदमे में, प्रतिवादी ने ट्रायल समाप्त होने के बाद साक्ष्य अधिनियम की धारा 45 (विशेषज्ञों की राय) और धारा 73 (हस्ताक्षर, लेख या मुहर की तुलना) को लागू करने

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