दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है, शहर के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की उस अर्जी पर जिसमें उन्होंने 1984 में गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में हुए दंगे के दौरान कांग्रेस नेता कमलनाथ की कथित मौजूदगी का उल्लेख करने वाली एक पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लाने की मांग की है।

न्यायमूर्ति रवींदर दूडेज़ा ने पुलिस और केंद्र को नोटिस जारी करते हुए कहा कि वे 15 जनवरी 2026 तक अपना जवाब दाखिल करें, जब मामले की अगली सुनवाई तय है।

सिरसा ने मांग की है कि कोर्ट उन अधिकारियों को निर्देश दे कि वे गौतम कौल, उस समय के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, द्वारा पुलिस आयुक्त को भेजी गई वह रिपोर्ट रिकॉर्ड पर रखें, जिसमें कथित तौर पर कमलनाथ की घटनास्थल पर मौजूदगी “स्पष्ट रूप से दर्ज” है।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एच एस फूलका ने कहा कि पुलिस रिकॉर्ड और उस समय की कई

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