सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की मांग करने वाली एक नई जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने वेलनेस विशेषज्ञ और होलिस्टिक हेल्थ कोच ल्यूक क्रिस्टोफर कुटिन्हो को अपनी याचिका वापस लेने और पहले से लंबित एम.सी. मेहता मामले में इंटरवेंशन एप्लिकेशन दाखिल करने की अनुमति दे दी।

मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई की अगुआई वाली पीठ ने कहा कि प्रदूषण पर मुख्य मामला पहले से लंबित है और बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।

मुख्य न्यायाधीश ने आदेश में दर्ज किया, “याचिकाकर्ता लंबित एम.सी. मेहता मामले में हस्तक्षेप के लिए यह याचिका वापस लेना चाहता है।”

कुटिन्हो ने 24 अक्टूबर को यह याचिका दाखिल की थी। इसमें केंद्र सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB), वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM), कई केंद्रीय मंत्रालय, नीति आयोग और दिल्ली

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