दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में एक असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर पर लगाए गए दंड (Penalty) के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने पाया कि विभाग द्वारा महिला अधिकारी को ‘चाइल्ड केयर लीव’ (CCL) देने से इनकार करना एक “यांत्रिक” (Mechanical) प्रक्रिया थी और उनके खिलाफ चलाई गई अनुशासनात्मक कार्यवाही में गंभीर “प्रक्रियात्मक अनियमितताएं” थीं।
जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस मधु जैन की खंडपीठ ने रितु रवि प्रकाश द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह आठ सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता का वेतन और परिणामी सेवा लाभ बहाल करे। कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि अधिकारी पर लगाया गया दंड “अंतरात्मा को झकझोरने वाला” (shocks the conscience) है, क्योंकि यह पूरा मामला केवल अपनी नाबालिग बेटियों की देखभाल के लिए छुट्टी मांगने से जुड़ा था।
मामले का संक्षिप्त विवरण
इस केस म

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