कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि किसी आरोपी को एक बार नियमित जमानत (Regular Bail) मिल चुकी है, तो वह उसी अपराध में बाद में अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) का दावा नहीं कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि भले ही आरोपी की गैर-हाजिरी के कारण गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया गया हो, फिर भी अग्रिम जमानत का प्रावधान लागू नहीं होगा।
जस्टिस शिवशंकर अमरन्नवर की पीठ ने लूट के आरोपों का सामना कर रहे एक आरोपी की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में उचित कानूनी उपाय ट्रायल कोर्ट के समक्ष जाकर वारंट को रिकॉल (रद्द) करवाना है, न कि हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मांगना।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला क्रिमिनल पिटीशन नंबर 14233 ऑफ 2025 से संबंधित है, जो मुदासिर @ मुड्डू द्वारा दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ब्याप्पनहल्ली पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज क्राइम नंबर 5/2020 में दूसरा आ

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