इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ पीठ) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि किसी कर्मचारी की अनधिकृत अनुपस्थिति के संबंध में जारी कारण बताओ नोटिस में “फरार” (Absconding) शब्द का उपयोग करना मानहानि की श्रेणी में नहीं आता है। न्यायालय ने एक निजी कंपनी के प्रबंध निदेशक (MD) और महाप्रबंधक (HR) के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया है।

न्यायमूर्ति बृज राज सिंह की पीठ ने दंड प्रक्रिया संहिता (Cr.P.C.) की धारा 482 के तहत दायर याचिकाओं को स्वीकार करते हुए सिविल जज (जूनियर डिवीजन)/न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ द्वारा जारी समन आदेश को निरस्त कर दिया। निचली अदालत ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 500 (मानहानि) के तहत शिकायत का संज्ञान लेते हुए कंपनी के अधिकारियों को तलब किया था।

यह याचिकाएं ओएएम इंडस्ट्रीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कमल अग्रवाल और महाप्रबंधक (एचआर) सत्

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