सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के दो याचिकाकर्ताओं को एक सप्ताह की अंतरिम राहत देते हुए उनके आवासीय और मैरिज हॉल परिसरों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी। याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि बिना किसी नोटिस और सुनवाई का अवसर दिए, प्राधिकरणों ने उनके परिसरों का आंशिक ध्वस्तीकरण पहले ही शुरू कर दिया है।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने निर्देश दिया कि इस अवधि में पक्षकार यथास्थिति बनाए रखें, ताकि याचिकाकर्ता उचित आदेश के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख कर सकें।

पीठ ने कहा, “यह देखते हुए कि आंशिक ध्वस्तीकरण पहले ही किया जा चुका है, हम एक सप्ताह की अवधि के लिए अंतरिम संरक्षण प्रदान करते हैं और पक्षकार यथास्थिति बनाए रखेंगे।”

शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि उसकी ओर से दिया गया यह अंतरिम संरक्षण उच्च न्यायालय के विवेक और निर्णय को प्रभावित नहीं करेगा, और हाईकोर्ट याचिका पर उ

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