नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक राज्य द्वारा दायर अपीलों को खारिज करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें कहा गया था कि छात्रों और कामकाजी पेशेवरों के लिए हॉस्टल (Hostel) के रूप में उपयोग करने के लिए पट्टे (Lease) पर दी गई रिहायशी संपत्ति पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से छूट मिलेगी।
जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि नोटिफिकेशन नंबर 9/2017-इंटीग्रेटेड टैक्स (रेट) दिनांक 28.06.2017 की एंट्री 13 के तहत मिलने वाली छूट “गतिविधि विशिष्ट” (Activity Specific) है, न कि “व्यक्ति विशिष्ट” (Person Specific)। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि छूट का लाभ तब भी मिलेगा, भले ही पट्टेदार (Lessee/एग्रीगेटर) खुद उस परिसर का उपयोग अपने आवास के लिए न कर रहा हो, बशर्ते संपत्ति का अंतिम उपयोग ‘आवास’ (Residence) के रूप में हो रहा हो।
कोर्ट के

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