दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक कांस्टेबल की बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जनरल सिक्योरिटी फोर्स कोर्ट (GSFC) की कार्यवाही के दौरान, उपलब्ध होने के बावजूद सीसीटीवी फुटेज को पेश न करना और उसकी जांच न करना, आरोपी के निष्पक्ष सुनवाई (Fair Trial) के अधिकार का उल्लंघन है।

04 दिसंबर, 2025 को सुनाए गए इस फैसले में जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता शांतनु साहा की याचिका को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने GSFC और अपीलीय अधिकारियों के आदेशों को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को सेवा में बहाल करने का निर्देश दिया है, हालांकि intervening period (बर्खास्तगी से बहाली तक की अवधि) के लिए उन्हें पिछला वेतन (back wages) नहीं मिलेगा।

कोर्ट के समक्ष मुख्य कानूनी सवाल यह था कि क्या सीसीटीवी फुटेज जै

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