पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कोर्ट के आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने के लिए एक पति को दोषी ठहराते हुए तीन महीने की साधारण कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पाया कि पति ने अपनी पहली पत्नी द्वारा तलाक की डिक्री के खिलाफ दायर अपील के लंबित रहने के दौरान दूसरी शादी कर ली, जो कि न्यायिक प्रक्रिया का सीधा उल्लंघन है।

यह मामला याचिकाकर्ता-पत्नी द्वारा दायर अवमानना याचिका से संबंधित है। पत्नी का आरोप था कि हाईकोर्ट द्वारा तलाक की डिक्री पर रोक (Stay) लगाए जाने और अपील लंबित होने के बावजूद प्रतिवादी-पति ने दूसरी शादी कर ली। जस्टिस अलका सरीन ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि अपील दायर होने के बाद और निर्धारित अवधि (Limitation Period) के भीतर दूसरी शादी करना कोर्ट की प्रक्रिया की “जानबूझकर और इरादतन अवज्ञा” है।

मामले की पृष्ठभूमि

याचिकाकर्ता-पत्नी और प्रतिवादी-पति का विवाह 9 दि

See Full Page