सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और सभी राज्यों से जवाब मांगा है, जिसमें पूरे देश में कैंसर को “नोटिफायबल बीमारी” घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका का उद्देश्य कैंसर की समय पर पहचान, अनिवार्य रिपोर्टिंग और मरीजों को बेहतर उपचार सुनिश्चित करना है।
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत, न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति विपुल एम. पंचोली की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल की दलीलों पर संज्ञान लिया। यह याचिका अनुराग श्रीवास्तव ने दायर की है, जो एम्स, नई दिल्ली में शल्य चिकित्सा विभाग के पूर्व प्रमुख रह चुके हैं।
अनुच्छेद 14 और 21 के उल्लंघन का दावा
याचिका में केंद्र के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को निर्देश देने की मांग की गई है कि कैंसर को अधिसूचित बीमारी घोषित किया जाए, ताकि पूरे देश में कैंसर के मामलों की एक समा

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