कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा है कि यदि कोई रौडी शीटर वर्तमान में किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं है या किसी अपराध का संदिग्ध नहीं है, तो पुलिस उसे मौखिक रूप से पूछताछ के लिए तलब नहीं कर सकती। अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में व्यक्ति को एसएमएस या व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से सूचित किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति आर. नटराज ने यह आदेश 4 दिसंबर को बेंगलुरु के हेब्बल निवासी सुनील कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। सुनील कुमार का नाम पुलिस के रौडी शीट रजिस्टर में दर्ज है।
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि उसने अपने पुराने आचरण से सुधार कर लिया है और अब वह शांतिपूर्ण जीवन जी रहा है। उसके खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला लंबित नहीं है। इसके बावजूद पुलिस द्वारा बार-बार मौखिक रूप से थाने बुलाया जाना, पूछताछ के दौरान कथित रूप से दुर्व्यवहार किया जाना और बिना कारण रोके जाने से उसे अवैध हिरा

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