ऊना, 24 सितंबर. कभी वह ज़मीन, जहां न गेहूं उगता था, न मक्की का दाना, आज हरियाली से लहलहा रही है। ऊना जिले के बंगाणा उपमंडल के बौल गांव के 65 वर्षीय किसान अजमेर सिंह ने एचपी शिवा परियोजना की मदद से इस बंजर ज़मीन पर अमरूद की बगिया तैयार की है। उम्र को केवल आंकड़ा साबित करने वाले अजमेर ने आधुनिक तकनीकों, मेहनत और सरकारी मार्गदर्शन की मदद से सफलता की कहानी रची है।

इस सीज़न में उनकी बगिया से 22 क्विंटल से अधिक उत्पादन की उम्मीद है, जिससे उन्हें 1 लाख रुपये से ज़्यादा की आमदनी होने का अनुमान है। इस सफलता ने न केवल उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत की है, बल्कि गांव के अन्य किसानों को भी फल आधारित खेती की ओर प्रेरित किया है।

*1800 पौधों से की शुरुआत, वर्तमान में 450 कनाल में लगाए हैं अमरूद के पौधे

अजमेर सिंह बताते हैं कि उन्होंने करीब साढ़े 3 साल पहले एफएलडी (फ्रंट लाइन डेमो) के तहत 1,800 अमर

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