सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ती मौतों को “राष्ट्रीय आपातकाल” बताते हुए, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने देश में सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य के अधिकारियों को कई व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने 2012 में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। न्यायालय ने पैदल यात्री बुनियादी ढांचे के समयबद्ध ऑडिट, हेलमेट कानूनों को सख्ती से लागू करने और वाहनों में खतरनाक संशोधनों पर नकेल कसने का आदेश दिया है। इस आदेश का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को कम करना है, जिनकी संख्या अकेले 2023 में 1,72,000 से अधिक थी।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला एक हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. एस. राजशेखरन द्वारा 2012 में दायर रिट याचिका (सिविल) संख्या 295 से शुरू हुआ। याचिकाकर्ता ने “देश में लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के