झारखंड हाईकोर्ट ने लगातार दायर की जाने वाली अग्रिम जमानत याचिकाओं की स्वीकार्यता पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए हरीश कुमार पाठक द्वारा दायर की गई तीसरी ऐसी याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने यह माना कि आवेदन पर विचार करने के लिए कोई नया आधार नहीं था, क्योंकि उठाए गए मुद्दों पर पहले ही दो खारिज हो चुकी याचिकाओं में विचार किया जा चुका था। यह मामला गैर-इरादतन हत्या सहित कई गंभीर आरोपों से संबंधित है, जिसमें न्यायालय ने न्यायिक औचित्य और नए तथ्यों के बिना बार-बार जमानत याचिका दायर करने के सीमित दायरे पर जोर दिया।

मामले की पृष्ठभूमि

याचिकाकर्ता हरीश कुमार पाठक, नारायणपुर थाना कांड संख्या 154/2016 के संबंध में गिरफ्तारी-पूर्व जमानत की मांग कर रहे थे। यह मामला शुरू में भारतीय दंड संहिता (आई.पी.सी.) की धारा 354, 341, 342, 323, 325, 307, 504, 506 और 34 के

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