इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूरे उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक या लोक उपयोग के लिए आरक्षित भूमि पर किए गए अतिक्रमणों को 90 दिनों के भीतर हटाने का सख्त आदेश दिया है। अदालत ने चेतावनी दी कि आदेश का पालन न करने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय और आपराधिक दोनों तरह की कार्रवाई की जाएगी।

न्यायमूर्ति पी. के. गिरी ने यह आदेश 6 अक्टूबर को एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई के दौरान दिया। यह याचिका मनोज कुमार सिंह ने दाखिल की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मिर्जापुर जिले के चुनार तहसील के चौका गांव में स्थित एक तालाब पर ग्रामीणों ने अतिक्रमण कर लिया है और शिकायत के बावजूद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।

अदालत ने स्पष्ट किया कि जलाशयों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण स्वीकार्य नहीं है , और ऐसे सभी अतिक्रमणों को “यथाशीघ्र भारी जुर्माना, लागत और दंड सहित” हटाने का निर्देश दिया। पर्यावरणीय महत्व पर जोर दे

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