छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में राज्य सरकार को एक नवजात शिशु के माता-पिता को ₹2 लाख का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। यह आदेश एक सरकारी अस्पताल द्वारा बच्चे की माँ की एचआईवी-पॉजिटिव स्थिति को सार्वजनिक रूप से उजागर करने के मामले में आया है, जिसे कोर्ट ने परिवार की निजता और सम्मान के अधिकार का घोर उल्लंघन माना। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायाधीश बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने एक समाचार रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए यह मुआवजा देने का आदेश दिया।
मामले की पृष्ठभूमि
हाईकोर्ट ने हिंदी दैनिक ‘हरिभूमि’ में 10 अक्टूबर, 2025 को प्रकाशित एक खबर के आधार पर स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका (WPPIL No. 27 of 2024) शुरू की थी। समाचार का शीर्षक था, “मासूम के सीने के पास चस्पाकर दी तख्ती, इसकी मां एचआईवी पाजिटिव है।” रिपोर्ट के अनुसार, रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्प