सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (27 अक्टूबर) को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे आठ सप्ताह के भीतर यह बताएं कि शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और आत्महत्याओं से निपटने के लिए जारी दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने केंद्र सरकार को भी आठ सप्ताह का समय देते हुए एक विस्तृत अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें अब तक उठाए गए कदमों का ब्यौरा देना होगा।
यह निर्देश उस मामले की सुनवाई के दौरान आया जिसमें शीर्ष अदालत के 25 जुलाई के फैसले के अनुपालन की स्थिति पर चर्चा हो रही थी। उस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य संकट और आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए 15 दिशा-निर्देश जारी किए थे।
अदालत ने उस समय यह टिप्पणी की थी कि देश मे

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