सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को ‘प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट, 2025’ की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली मुख्य याचिकाओं पर एक विस्तृत जवाब (comprehensive reply) दाखिल करने का निर्देश दिया। जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने इस मामले की सुनवाई 26 नवंबर को तय की है, जिसमें तीन अलग-अलग हाईकोर्ट से ट्रांसफर किए गए मामले भी शामिल हैं।
यह मामला नए केंद्रीय कानून से जुड़ा है, जो “ऑनलाइन मनी गेम्स” (पैसे वाले ऑनलाइन गेम्स) पर प्रतिबंध लगाता है और इन गेम्स से संबंधित बैंकिंग सेवाओं और विज्ञापनों पर भी रोक लगाता है। 22 अगस्त को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त यह अधिनियम, रियल-मनी ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला केंद्रीय कानून है। इसमें दांव लगाकर खेले जाने वाले फैंटेसी स्पोर्ट्स और ई-स्पोर्ट्स भी शामिल हैं।
याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि यह

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