दिल्ली हाईकोर्ट ने 3 नवंबर 2025 के एक फैसले में, अपने एक पिछले आदेश में इस्तेमाल किए गए वाक्यांश “दंडात्मक उपाय” (coercive measures) के अर्थ और मंशा को स्पष्ट किया है। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि इस वाक्यांश का इस्तेमाल केवल याचिकाकर्ता की “व्यक्तिगत स्वतंत्रता” और “हिरासत में पूछताछ” के संदर्भ में किया गया था, […]

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