सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की उस पुनर्विचार याचिका पर खुले न्यायालय में सुनवाई करने का निर्णय लिया है, जिसमें फरवरी 2025 के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसके तहत किसानों को ज़मीन अधिग्रहण पर मुआवज़ा और ब्याज देने का लाभ पूर्व प्रभाव (retrospective) से लागू किया गया था।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने मंगलवार को NHAI की याचिका पर नोटिस जारी किया और 11 नवंबर 2025 दोपहर 3 बजे खुले न्यायालय में सुनवाई तय की।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता , जो NHAI की ओर से पेश हुए, ने अदालत को बताया कि इस मामले के वित्तीय प्रभाव लगभग ₹32,000 करोड़ तक हैं, जबकि याचिका में पहले इसे ₹100 करोड़ बताया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 4 फरवरी 2025 को NHAI की उस अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने मांग की थी कि 2019 के फैसले ( Union of India v. Tarsem Sing

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