इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों के पेंशन अधिकारों के संबंध में एक अत्यंत महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि दैनिक वेतन (daily wage) या वर्क-चार्ज (work-charge) के आधार पर दी गई सेवा, भले ही वह नियमितीकरण से पहले की हो, पेंशन लाभों के लिए “अर्हक सेवा” (Qualifying Service) के रूप में गिनी जानी चाहिए।

न्यायमूर्ति मनीष माथुर ने जय राम शर्मा बनाम यूपी राज्य के प्रमुख मामले सहित 78 रिट याचिकाओं का एक साथ निपटारा करते हुए यह निर्णय दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रेम सिंह बनाम यूपी राज्य (2019) 10 SCC 516 मामले में स्थापित कानून को बाध्यकारी माना।

हाईकोर्ट ने यह भी पाया कि राज्य सरकार द्वारा इस मुद्दे पर लाए गए यू.पी. क्वालीफाइंग सर्विस फॉर पेंशन एंड वैलिडेशन एक्ट, 2021 (एक्ट ऑफ 2021) और यू.पी. एंटाइटलमेंट ट

See Full Page