गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार को स्वयंभू धार्मिक गुरु आसाराम बापू को स्वास्थ्य कारणों के आधार पर छह महीने की अंतरिम जमानत दी है। यह राहत 2013 में गांधीनगर में दर्ज दुष्कर्म के मामले से जुड़ी है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह जमानत केवल चिकित्सीय उपचार के लिए दी गई है और उनकी सजा तथा दोषसिद्धि यथावत रहेगी।

न्यायमूर्ति इलस जे. वोरा और न्यायमूर्ति आर. टी. वचानी की खंडपीठ ने आदेश देते हुए कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट ने भी इसी तरह की परिस्थितियों में जोधपुर मामले में आसाराम की सजा निलंबित की थी।

आसाराम बापू को 2018 में जोधपुर की अदालत ने नाबालिग शिष्या के साथ दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद 2023 में गुजरात की अदालत ने उन्हें एक अन्य महिला भक्त के साथ दुष्कर्म के 2013 के मामले में भी आजीवन कारावास की सजा दी। उन पर साजिश और गवाहों को धमकाने के आरोप भी साबित हुए थे।

वरिष्ठ

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