भारत में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है, जिसमें इसे “लगातार और तंत्रगत विफलता” बताते हुए न्यायालय से “तत्काल हस्तक्षेप” की मांग की गई है। याचिका में वायु प्रदूषण को एक “सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल” करार देने और इससे निपटने के लिए समयबद्ध राष्ट्रीय कार्ययोजना बनाने का अनुरोध किया गया है।
यह याचिका 24 अक्टूबर को ल्यूक क्रिस्टोफर कूटिन्हो , जो एक समग्र स्वास्थ्य कोच और वेलनेस विशेषज्ञ हैं, द्वारा दायर की गई। इसमें केंद्र सरकार , केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) , वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) , नीति आयोग , और दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार तथा महाराष्ट्र की राज्य सरकारों को पक्षकार बनाया गया है।
याचिका में कहा गया है कि वायु प्रदूषण का मौजूदा स्तर नागरिकों के जीवन और स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार (अनुच

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