जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, कांगड़ा (धर्मशाला) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि थाई लायन एयर ने एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान के दौरान “सेवा में गंभीर कमी” और “बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन” किया है। एयरलाइन ने छह घंटे की उड़ान में दो नाबालिग बच्चों को पीने का पानी सिर्फ इसलिए नहीं दिया क्योंकि उनके माता-पिता के पास भुगतान करने के लिए थाई भाट (थाईलैंड की मुद्रा) नहीं थे।
आयोग, जिसमें श्री हिमांशु मिश्रा (अध्यक्ष) और सुश्री आरती सूद (सदस्य) शामिल थे, ने तरुण कुमार चौरसिया द्वारा दायर शिकायत को स्वीकार कर लिया। आयोग ने एयरलाइन को हुई परेशानी के लिए 1,00,000/- रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया, साथ ही अन्य नुकसानों की प्रतिपूर्ति और मुकदमेबाजी की लागत का भुगतान करने का भी आदेश दिया।
मामले की पृष्ठभूमि
शिकायतकर्ता तरुण कुमार चौरसिया ने अपने परिवार के साथ थाई लायन एयर (विपक्षी पक्ष

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