विजया रहाटकर, अध्यक्षा, राष्ट्रीय महिला आयोग
भारत की आर्थिक प्रगति की नई तस्वीर महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से आकार ले रही है। आज महिलाएँ न केवल अपने परिवारों को संवार रही हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी दिशा दे रही हैं। कार्यबल में उनकी उपस्थिति में जो तेज़ी से वृद्धि हुई है, वह केवल आँकड़ों का विषय नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का संकेत है।
आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण ( PLFS) के अनुसार, वर्ष 2017-18 में महिलाओं की कार्यबल भागीदारी दर ( WPR) 22 प्रतिशत थी, जो 2023-24 में बढ़कर 40.3 प्रतिशत हो गई है। इसी अवधि में महिला बेरोज़गारी दर घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई है। विशेष रूप से ग्रामीण भारत में 96 प्रतिशत वृद्धि यह दर्शाती है कि महिलाएँ अब खेतों, उद्यमों और सेवा क्षेत्रों में समान रूप से अपनी भूमिका निभा रही हैं।
सरकारी योजनाओं ने इस परिवर्तन को नया विस्तार दिया द

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