सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह स्थानीय निकाय चुनावों की नामांकन प्रक्रिया को तब तक स्थगित करने पर विचार करे, जब तक 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण से जुड़ा मुद्दा अदालत में तय नहीं हो जाता।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्जल भुयान और न्यायमूर्ति एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ ने यह सुझाव उस समय दिया जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ओबीसी कोटे पर विवाद से जुड़े कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने के लिए समय मांगा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को निर्धारित की है।
पीठ ने पूछा, “आप नामांकन प्रक्रिया को तब तक टालने पर विचार क्यों नहीं करते, जब तक हम इस मुद्दे को देख लेते हैं?”
मेहता ने कहा कि वर्तमान में सिर्फ नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। वहीं, 27% आरक्षण का विरोध कर रहे पक्षकारों के वकील अमोल बी. करांडे ने तर्क दिया कि यदि नामांकन जारी रहा तो चुनाव प्रक्रिया “अपू

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