सुप्रीम कोर्ट ने वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट के कराधान पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि लॉटरी टिकटों की छपाई में इस्तेमाल होने वाली स्याही और प्रसंस्करण सामग्री (रसायन) पर व्यापार कर लगाया जाएगा। कोर्ट के अनुसार, इनका उपयोग उत्तर प्रदेश व्यापार कर अधिनियम, 1948 की धारा 3F के तहत “माल में संपत्ति का हस्तांतरण” माना जाएगा। न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने मेसर्स अरिस्टो प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर अपीलों को खारिज कर दिया और मूल्यांकन प्राधिकारी द्वारा लगाए गए कर को सही ठहराते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।
अदालत के सामने मुख्य कानूनी मुद्दा यह था कि क्या छपाई की प्रक्रिया में खपत होने वाली स्याही और रसायनों के मूल्य पर इस आधार पर कर लगाया जा सकता है कि इन सामानों की संपत्ति एक वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट के निष्पादन के दौरान ग्राहक