सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट के उन आदेशों को रद्द कर दिया, जिनके तहत एक आपराधिक मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी गई थी। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि हाईकोर्ट को आपराधिक मामलों में अपने ही फैसले को वापस लेने या उसकी समीक्षा करने का कोई अधिकार नहीं है, खासकर जब इसे एक अनजाने में हुई गलती को सुधारने की आड़ में किया जाए।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने राजस्थान सरकार द्वारा दायर एक अपील को स्वीकार करते-घोषणा की कि एक बार जब जांच ट्रांसफर करने की याचिका का निपटारा कर दिया गया हो, तो हाईकोर्ट उसी राहत के लिए बाद में दायर किसी भी आवेदन पर विचार नहीं कर सकता। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 403 (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 362) के तहत केवल लिपिकीय त्रुटियों में सुधार की अनुमति है।
इस फैसले के