सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राजस्थान सरकार से सख्त सवाल किया कि राज्य के पुलिस थानों के पूछताछ (इंटरोगेशन) कमरों में अभी तक CCTV कैमरे क्यों नहीं लगाए गए, जबकि यही वह “मुख्य जगह” है जहां कैमरे अनिवार्य रूप से होने चाहिए ताकि मानवाधिकारों की रक्षा हो सके।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ राज्य सरकार के हलफनामे पर विचार कर रही थी। अदालत ने कहा, “आपके हलफनामे के अनुसार, पूछताछ कक्ष में कोई कैमरा नहीं है, जबकि यही वह मुख्य जगह है जहां कैमरे होने जरूरी हैं।”

पीठ ने माना कि कैमरे लगाने में लागत आती है, लेकिन स्पष्ट कहा, “यह मानवाधिकार का प्रश्न है।”

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि राज्य निगरानी (ओवरसाइट) तंत्र को कैसे लागू करने की योजना बना रहा है। पीठ ने कहा, “कैमरों की फीड किसी केंद्रीकृत स्थान या एजेंसी के पास जानी चाहिए जहां निगरानी हो सके।” अदालत ने सुझाव दिया कि क

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