सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को निरस्त कर दिया है जिसमें आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर न्यायपालिका की आलोचना करने वाली एक महिला को साधारण कारावास की सजा सुनाई गई थी। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि दंड देने की शक्ति में क्षमा करने की शक्ति भी निहित है, विशेष रूप से तब जब व्यक्ति अपनी गलती के लिए सच्चा पश्चाताप व्यक्त करता है।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने विनीता श्रीनंदन द्वारा दायर अपील को स्वीकार करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने अवमानना क्षेत्राधिकार का प्रयोग करते समय उचित सावधानी नहीं बरती और जल्द से जल्द दी गई बिना शर्त माफी को खारिज कर दिया।

विवाद की पृष्ठभूमि

यह मामला 29 जनवरी, 2025 को जारी एक सर्कुलर से उत्पन्न हुआ था, जिसे अपीलकर्ता विनीता श्रीनंदन ने जारी किया था। वह उस समय सीवुड्स एस्टेट्स लिमिटेड की सांस्कृतिक निदेशक थीं। “न्यायिक प्रणाली द्वा

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